Wednesday, February 9, 2011

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चौथी दुनिया के न्यूज विक्रेता

Posted: 08 Feb 2011 08:59 PM PST

दिन-प्रतिदिन बढती संचार के राजनितिक अर्थव्यवस्था की जटिलताएं और उनके फलस्वरूप उपजते प्रतिस्पर्धा ने कई मानकों को पुनः परिभाषित करने को विवश कर दिया है. यह परिभाषा समाचार के उत्पादन, वितरण और स्वीकार्यता के स्तर पर घटित हुई है . चौथी दुनिया का यह बदलता स्वरूप , जिसमे न्यू मीडिया के हस्तक्षेप की घटना एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, आज कितना नैतिक

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Friday, February 4, 2011

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एक सदी का युद्ध : स्त्री

Posted: 04 Feb 2011 07:21 AM PST

कई दिनों से सामान बांधे , रेल का टिकेट मेरे पास है…. जाना चाहती थी मै, ऐसी ही यात्रा पर क्यूँ नहीं निकल जाती आज पैर चौखट से निकलते ही नहीं कई बार समझाया, अपनी खुद की व्यथा पर रोई , खुद पर चीत्कार की, जाना ही नियति है, लेकिन पैर ही नहीं उठते मेरे रात का खाना टेबल पर

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Thursday, February 3, 2011

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कश्ती दरिया में………

Posted: 03 Feb 2011 09:07 AM PST

कश्ती दरिया में इतराए ये समझकर दरिया तो अपनी है इठलाऊं इधर-उधर किनारा तो है ही अपना ,ठहरने के लिए दम ले लूंगा मै भटकूँ राह गर पर उसे मालूम नही ये कमबख्त दरिया तो किनारों को डुबो देता है सैलाब में कश्ती को ये बात कौन बताये जालिम नादरिया अपनी न किनारा अपना

रोल मॉडल : क्या कहते हैं सितारे

Posted: 03 Feb 2011 01:29 AM PST

आमतौर पर यही माना जाता है कि कोई भी व्यक्ति शारीरिक, जैविक और वैचारिक स्तर से मिलकर बनता है। जैसे-जैसे व्यक्ति बढ़ता और विकसित होता है, इन स्तरों पर वह बड़ा होता जाता है और उसके ऊपर का स्तर पाता जाता है। यह परिवर्तन प्रकृति की नियति है और यह बदलाव निरर्थक नहीं, बल्कि हर दिन अपने भीतर जादू समेटे होता

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आज का सलाम, असांजे के नाम

Posted: 03 Feb 2011 01:10 AM PST

अब मैंने एक निर्णय लिया है कि अपने पढ़ने लिखने के कमरे व दफ्तर में आस्ट्रेलियाई मूल के हैकर से पत्राकारिता का प्रतिमान बन गए जूलियन असांजे का चित्रा अपने गुरुओं के चित्रों की बगल में लगाऊंगा। आज जहां दुनियां भर का मीडिया कूड़ा करकट परोस कर हमारे जीने की आजादी में सेंध लगाने के लिए एक दूसरे से आगे

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प्रेमियों का विवाह कराने पर उन्होंने मृत्युदण्ड पाया

Posted: 03 Feb 2011 12:42 AM PST

'वेलेण्टाइन डे' यानी प्रेम दिवस। 14 फरवरी को संपूर्ण विश्व में बड़ी तैयारियों के साथ मनाया जाता है, वेलेण्टाइन डे। सूचना क्रान्ति व सेटेलाइट के इस युग में यह दिवस बड़े शहरों में ही नहीं, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोकप्रिय होता जा रहा है। दुकानों पर विभिन्न कंपनियों के वेलेण्टाइन डे कार्ड हैं तो स्कूल/काॅलेज और होटल में

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मायावती अब मायापति बनी…..

Posted: 03 Feb 2011 12:18 AM PST

मायावती पहली दलित महिला मुख्यमंत्री है । दलित की बेटी कहलाकर अपने प्रति दयाभाव जगाती हैं। आज इनके पास भारत के सभी मुख्यमंत्रियों एवं सभी नेताओं से ज्यादा पूंजी है। अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा से तीन गुना ज्यादा धन इनके पास है।मायावती के पास लगभग एक अरब रूपए की पूंजी है। उन्होंने 26 करोड़ रूपये आयकर दिया है जो सभी राजनेताओं

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Wednesday, February 2, 2011

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भारत में आतंक क्यों ?

Posted: 02 Feb 2011 04:25 AM PST

जिस तरह से वर्षाऋतु में पानी बरसता है और पूरी प्रकृति का रंग हरियाली के रूप में बदल जाता है। क्योंकि पानी वृक्षों के लिये वरदान साबित होता है। और वह फलने फूलने लगता है। और उनसे असिमित फल, स्वच्छ हवा और न जाने क्या – क्या हम पृथ्वी पर निवासरत् जीवों को प्राप्त होता है। उसमें भी मनुष्य तो

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हिंसक न हो जाए रैली बची जंतर मंतर से संसद तक की राह में

Posted: 01 Feb 2011 05:24 PM PST

रामलीला मैदान से जतंर मंतर की भ्रष्टाचार विरोध की रैली ने दिल्ली की सोई खोई मुर्झाई या मुर्दायी जनता में जाग्रती लाने का छोटा सा प्रयास किया है पर संसद और सरकार ने इसे कतई महत्व नहीं दिया। आज आधे से कम को समझ आया है कल सबको आ जाएगा कि राज चलाने की जगह राज पर काबिज रहने के

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पता चला हम अपने ही क्षेत्र से हार गये

Posted: 01 Feb 2011 05:10 PM PST

पता चला हम अपने ही क्षेत्र से हार गये खड़े हुए थे चुनाव में, सोचा था जीत जायेंगे, पर हम थे छेद वाली नाव में , सोचा नहीं था डूब जायेंगे पार्टी वालो ने हमें चने के झाड़ पर चड़ा दिया, जहाँ से पार्टी हारती थी, वहाँ से चुनाव लड़ा दिया हम भी बिना सोचे समझे चने के झाड़ पर

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