Saturday, January 22, 2011

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कब उठेगा महानायक के मौत के रहस्य से परदा

Posted: 22 Jan 2011 07:06 AM PST

नेताजी सुभाषचंद्र बोस। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक। ऐसा महानायक जिसका कद महत्मा गांधी से भी ज्यादा उंचा था। पर गांधी के नेहरू प्रेम से देश की राजनीति की ऐसी धारा बही कि इस महानयक को पूरी तरह से उपेक्षित कर दिया गया। आजादी के छह दशक बाद भी सरकार इस महानायक के मौत के रहस्य से परदा उठाने में कभी गंभीर नहीं रही।

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धुप कितना सेवन पर्याप्त

Posted: 21 Jan 2011 09:26 PM PST

आपकी पड़ोसिन क्या कहना चाह रही हैं। हमने भी इससे जुड़ी खबर को टी.वी. न्यूज में सुना है। दरअसल आप जो समझ रही हैं, बात वह नहीं है। बात यह है कि धूप स्नान करना चाहिए मगर थोड़ी देर, वह भी अगर सुबह की धूप हो तो ज्यादा फायदेमंद है न कि दिन भर धूप का सेवन करते रहें। ऐसे

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Friday, January 21, 2011

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देह हो गई दौलत

Posted: 21 Jan 2011 12:43 AM PST

भारतीय संस्कृति में मानव देह ईश्वर के उपहार की अनमोल अभिव्यक्ति है क्योंकि व्यक्ति से परिवार, परिवार से समाज, समाज से राज्य, राज्य से राष्ट्र और राष्ट्र से अनन्त तक को पहचानने का माध्यम मानव देह ही है। आधुनिकता के बाजार में मानव देह बिकाऊ वस्तु बनती जा रही है यद्यपि शरीर धर्म का परोक्ष प्रारूप ही है और इस

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जहां पंछी आत्म हत्या करते हैं

Posted: 21 Jan 2011 12:18 AM PST

असम में एक गांव है जाटिंगा। यह गांव खासी जयंतिया पहाड़ियों में स्थित हाफलौंग से मात्रा तीन कि.मी. दूरी पर है। जाटिंगा, जो बीहड़ वनों में 3400 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है, आज भी इस रहस्य के कारण अनुसंधानकर्ताओं और पर्यटकों के लिए कौतुहल का विषय बना हुआ है। यह मुख्य रूप से 'जयन्तिया' आदिवासियों का गांव है

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असम: कितनी सफल होगी उल्फा से वार्ता

Posted: 20 Jan 2011 11:54 PM PST

नए साल के पहले ही दिन असम में 'उल्फा' प्रमुख अरविंद राजखोवा की जेल से रिहाई से यहां के राजनैतिक माहौल में एक आशा की किरण दिखाई तो देती है मगर यह सब कुछ इतना आसान भी नहीं दिखता। नवंबर 2009 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका से गिरफ्तार कर भारत को प्रत्यर्पण पर भेजे गये राजखोवा को वार्ता के लिए

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Thursday, January 20, 2011

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न्यू मीडिया और खोपड़ी में बवंडर ( ब्रेन- स्टोर्मिंग सेशन का बचा-खुचा)

Posted: 20 Jan 2011 11:10 AM PST

2011 के स्वागत में बज रहे नगाड़ों से निकल रहे बेगाने स्वर ने बाजार की रफ्तार से बिछुड़े और पुरानी लीक से चिपके वैदिक काल के मूल्यों पर अटके पत्रकारों के कबीले के सन्नाटे को तोड़ दिया। माजरा समझने की कोशिश में उन्होंने जब नैतिकता के कल्पवृक्ष पर चढ़ कर झांकना शुरू किया तो बौखला गये। बेसुरे स्वर में ढोल

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श्री अशफाक उल्ला खां – मैं मुसलमान तुम काफिर ?

Posted: 20 Jan 2011 08:53 AM PST

अपनी कुर्बानियों से वतन की मिट्टी – पानी का कर्ज़ अदा करने वाले सिरफिरे मतवालों में श्री बिस्मिल के बाद अशफ़ाक़ उल्ला खाँ का ही नाम आता है । प्रस्तुत आत्मकथ्य में विशेष परिचय के उपखँड नाम से दिये परिशिष्ठ मे श्री बिस्मिल की चर्चा के बाद अशफ़ाक़ उल्ला खाँ साहब का परिचय जुड़ा दिखता है । अपने जीवनकाल में

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चौखट पर चीख, चौराहे पर चीरहरण

Posted: 20 Jan 2011 04:50 AM PST

सदियों से महिलाओं के साथ जैसा दमन और अत्याचार हुआ है वह अकल्पनीय है.सीता और पारवती की आर में पुरषों की साज़िश अब खुलकर सामने आने लगी है.एस देश में स्त्रियों की दशा बद से बदतर होती जा रही है. यह हमारे व्यवहार में आ गया है की हमने स्त्री दमन को सामाजिक स्वरुप दे दिया है. पुरूषों की भोगवादी

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स्त्री का अस्तित्व और सवाल

Posted: 20 Jan 2011 03:12 AM PST

एक सवाल अपने अस्तित्व पर, मेरे होने से या न होने के दव्न्द पर, कितनी बार मन होता है, उस सतह को छु कर आने का, जहाँ जन्म हुआ, परिभाषित हुई,मै, अपने ही बनाये दायरों में कैद! खुद ही हूँ मै सीता और बना ली है, लक्ष्मण रेखा, क्यूंकि जाना नहीं है मुझे बनवास, क्यूंकि मै नहीं देना चाहती अग्निपरीक्षा…..

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पुरूष भी होते हंै पत्नियों द्वारा प्रताड़ित

Posted: 20 Jan 2011 02:18 AM PST

पति और सास ने बेचारी पूनम का रोज रोज के लडाई झगडे मारपीट से जीना दुश्वार कर रखा है। ये शब्द हमें हर रोज रोज कहीं न कहीं सुनने को जरूर मिलते हंै पर कहीं यह सुनने को नहीं मिलता कि पूनम ने अपने पति और सास का जीना दुश्वार कर रखा है, क्यों ? क्या बहू द्वारा पति और

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Wednesday, January 19, 2011

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न अति कट्टरता, न अति उदारता

Posted: 19 Jan 2011 10:53 AM PST

इस नश्वर संसार में कुछ भी चिरस्थायी नहीं है। कल जो था आज नहीं है। जो कुछ आज है कल उसमें से बहुत कुछ नहीं रहेगा। कल जो नये धर्म प्रकाश में आये थे, अल्पसंख्यक थे, वे बहुसंख्यकता की ओर कदम बढ़ा रहे है। जो कल बहुसंख्यक थे वे आज अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं। संस्कृति सभ्यतायें भी बदल रही

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हर प्रभाग में भ्रष्टाचारी बैठा है

Posted: 19 Jan 2011 10:03 AM PST

एक कहावत है 'हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा'। इसके पहले जो है, वह सब जानते हैं फिर भी कोई कुछ नहीं कर पाया। एक शाख पर उल्लू बैठा था, बदनाम चमन को कर डाला, हर शाख पर उल्लू बैठा है अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा। उल्लू से भी खतरनाक भ्रष्टाचारी हंै। भ्रष्टाचारी नेता देश

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Sunday, January 16, 2011

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हर घर में हो रहा है ‘सच से सामना’

Posted: 16 Jan 2011 06:02 AM PST

मेरा बच्चा हाथ से निकलता जा रहा है। कुल जमा सोलह साल का है पर मुझे पता है कि वो ड्रग्स लेने लगा है। उसकी हर जिद पूरी करते हुए मुझे लगा करता था कि जो कुछ कमा रहा हूं, इन्हीं बच्चों का ही तो है। मैंने उसे मोबाइल भी ले दिया और स्कूटी भी। देखता हूं कि पता नहीं

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Sunday, January 9, 2011

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पत्रकार का पथ पथरीला है

Posted: 08 Jan 2011 07:32 PM PST

सात-आठ दशकों के लगातार कठिन प्रयासों के परिणामस्वरूप आज मीडिया का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है, साथ ही पत्राकारिता और जनसंचार शिक्षा का भी व्यापक विस्तार हो गया है। आज देश के अलग-अलग राज्यों में पत्राकारिता और जनसंचार शिक्षा से जुड़े विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में स्नातक स्तर के डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स चल रहे हैं। इसके साथ ही

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विकास तथा पर्यावरण आमने-सामने

Posted: 08 Jan 2011 04:28 PM PST

देश के विकास में जो समस्याएं पैदा हो रही हैं, उनकी तरफ समुचित ध्यान देना आवश्यक है अन्यथा कुछ वर्षों बाद ये समस्याएं इतना विकराल रूप धारण कर लेंगी कि इनका निराकरण करीब-करीब नामुमकिन हो जायगा। पर्यावरण एक समस्या है और इसमें कई समस्यायें सम्मिलित हैं। कचरा समस्या हैं। गन्दगी समस्या है। कारखानों से निकलने वाला गंदा पानी और रसायन

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कौन है असली ? जिसका भी पूंछ उठाओ, मादा निकलता है!!

Posted: 08 Jan 2011 04:20 PM PST

जी हां! तमाम तरह के नकली प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराने के पश्चात अब बारी है नकली भगवान की। कौन है असली ? जिसका भी पूंछ उठाओ, मादा निकलता है!! चैंक गये क्या? अरे भाई? इसमें चकराने की क्या बात है। असली हो या नकली, हैं तो आखिर भगवान ही। असली के चक्कर में न जाने कितने ऋषि मुनि, ज्ञानी ध्यानी चले गये। किसी

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Saturday, January 8, 2011

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मन मोरा बावरा – ओ. पी. नैयर की याद मेँ

Posted: 08 Jan 2011 11:31 AM PST

महान संगीतकार ओ.पी.नैयर का जन्म 16 जनवरी 1926 को हुआ । भारत विभाजन पर वह लाहौर से अमृतसर अपने परिवार के साथ आ गए। उसके बाद वह फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आ गए। सी.एच. आत्मा की आवाज के दीवाने नैयर सर्वप्रथम इनकी आवाज में 'प्रीतम आन मिलो' जैसा गीत गवाकर काफी चर्चा में रहे। यह प्राइवेट गीत अपने

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पेड न्यूज – सक्षम मीडिया हाउस की पहल की जरूरत

Posted: 08 Jan 2011 11:22 AM PST

इन दिनों पेड न्यूज को लेकर नई बहस चल पड़ी है। मीडिया को समाज निर्माण का औजार मानने वाले लोगों ने जब यह महसूस किया कि चुनावों में वैसे लोग भी अपनी छवि इस माध्यम से चमकाने में सफल हो रहे है जिनकी छवि कभी समाज हित की नहीं रही। वे पैसे से समाज में अच्छी छवि का नकाब खरीद

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बरसात कैसे हो गई?

Posted: 08 Jan 2011 06:36 AM PST

भारत में कितने ही साधु हैं जो लगातार कई कई माह खड़े ही रहते हैं एक ही स्थल पर। पैर सूज जाते हैं मगर वे खड़े ही रहते हैं। भोजन-भजन-शयन सभी कुछ खड़े ही खड़े। कुछ जल में तपस्या करते हैं, लगातार जल में ही रहते हैं तो कुछ अग्नि कुंड में वास करते हैं। शायद इसी को हठयोग भी

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विज्ञान और धर्म के समन्वयन का पर्व-मकर संक्रांति

Posted: 07 Jan 2011 08:54 PM PST

यूं तो भारत का लगभग हरेक पर्व ही विज्ञान व धर्म के सामंजस्य का एक जीता जागता नमूना है पर जहां तक मकर संक्रांति के पर्व की बात है तो यह पर्व तो इस दृष्टि से अपना एक अलग ही महत्त्व रखता है। एक ओर इस पर्व को भारतीय संस्कृति में दान एवं पुण्य तथा प्राप्ति का एक बड़ा ही

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फिर भड़क रही है आरक्षण की आग

Posted: 07 Jan 2011 07:10 PM PST

गुर्जर आंदोलन की जो चिंगारी भूसे के ढेर के नीचे दबा दी गई थी ,एक बार फिर से उसे हवा दे दी गई है और फिलहाल जो स्थिति है, उसमें इस बात का पूरा पूरा अंदेशा है कि एक बार फिर पूरा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक में न सिर्फ सत्ता के गलियारे धधकेंगे बल्कि पिछली बार की तरह

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Friday, January 7, 2011

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अंग्रेजी नववर्ष का भारतीयकरण

Posted: 07 Jan 2011 10:54 AM PST

एक बार फिर एक जनवरी आई। हर बार की तरह समाचार माध्यमों ने वातावरण बनाना प्रारम्भ कर दिया। 31 दिसम्बर की रात और एक जनवरी को दिन भर शोर-शराबा हुआ। लोगों ने एक दूसरे को बधाई लगी और दी। सरल मोबाइल संदेशों (एस.एम.एस) के आदान-प्रदान से मोबाइल कंपनियों की चांदी कटी। रात में बारह बजे लोगों शोर मचाया। शराब, शवाब

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2010 में लोकतंत्र के चारों खंभे हिल गए

Posted: 07 Jan 2011 10:09 AM PST

कैलेंडर बदलते ही मानों एक साल बीत जाता है। पूरे साल का नफा-नुकसान जोड़ने बैठेंगे तो हर बार की तरह कुछ खट्टी-मीठी यादांे, घटनाओं, उपलब्धियों, दुर्घटनाओं का नक्शा हम सबके दिलो-दिमाग में तैर जाएगा लेकिन साल 2010 कुछ मायनों में बाकी सालों से हटकर ही है। इस साल जो भी घटा, वो इतिहास के पन्नों में तो दर्ज हो ही

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Wednesday, January 5, 2011

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अथ बीवी पुराण: चन्द्रप्रकाश मिश्र

Posted: 04 Jan 2011 09:02 PM PST

मानव' भगवान की चित्राशाला का बेहतरीन नमूना है। सृष्टिकत्र्ता के कारखाने का लाजवाब प्रोडक्शन है। इस एक माॅडल की विधाता ने दो वैरायटी बनाई-नारी और पुरूष। नारी को सांचे में ढालकर भगवान ने असंख्य मूर्तियां गढ़ी, तरह-तरह के रंग भरे, भांति-भांति के करामात दिखलाए। उसे 'भाभी' बनाया, 'मां' के रूप में चित्रित किया, 'बहन' का रूप दिया, 'साली' की मनोरंजक

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शोषित हो रहा है बचपन

Posted: 04 Jan 2011 08:35 PM PST

बच्चों को जीवन में सफलता पाने के लिए शारीरिक, मानसिक आत्मिक आदि विकास तत्वों की आवश्यकता होती है। इन सभी तत्वों के सामंजस्य तथा योगदान के चलते ही बच्चा अपने जीवन में पूर्णता को प्राप्त होता है। बच्चे का सर्वांगीण विकास तभी संभव है, जब वह शारीरिक दृष्टि से पूर्ण स्वस्थ, मानसिक दृष्टि से पूर्ण परिपक्व तथा आत्मिक दृष्टि से

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दूषित विवेचना से अपराधी को निर्दोष तथा निर्दोष को अपराधी साबित किया जाता है

Posted: 04 Jan 2011 07:47 PM PST

डॉक्टर बिनायक सेन छत्तीसगढ़ में अप ने कुछ मरीजों के साथ डॉक्टर बिनायक सेन को सजा के प्रश्न पर पक्ष और विपक्ष में बहस जारी है। मुख्य समस्या यह है कि पुलिस या अन्वेषण एजेंसी किसी भी मामले की विवेचना करती है। उसके पश्चात आरोप पत्र न्यायालय भेजा जाता है। संज्ञेय अपराधों में अभियुक्त को पुलिस गिरफ्तार कर मजिस्टरेट के

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2 .2 अरब से 11 अरब : सोनिया गाँधी के स्विस बैंक में खाते का खुलासा

Posted: 04 Jan 2011 02:34 PM PST

सोनिया गाँधी, और यु पी ए का कार्यकल , जिसे उपमा सवरूप “c ” कार्यकाल कहा जा सकता है. “c ” से congress से “c ” से corruption का ऐसे खेल खेला की सारा देश “c ” बन गया. अब इस “c ” का अर्थ पाठक स्वयम लगा लें. सोनिया के कार्यकाल में जहाँ एक और घोटेल पर घोटाले सामने

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Tuesday, January 4, 2011

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स्वामी 2G स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जायेंगे

Posted: 04 Jan 2011 12:47 PM PST

नई दिल्ली, 4 (पीटीआई) जनता पार्टी प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी आज जनवरी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल के दौरान आवंटित लाइसेंस रद्द करने की मांग करते हुए यह आरोप लगाया की सरे आवंटन सभी मानदंडों और प्रक्रिया का उल्लंघन करते है , जिसकी वजह राज्य सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है. स्वामी

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Monday, January 3, 2011

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भारतीय नीति प्रतिष्ठान द्वारा ‘वर्तमान सन्दर्भ में न्यू मीडिया’ पर एक गोष्ठी का आयोजन

Posted: 03 Jan 2011 07:25 AM PST

दिल्ली ३ जनवरी| भारतीय निति प्रतिष्ठान द्वारा ‘वर्तमान सन्दर्भ में न्यू मिडिया” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया. इस आयोजन में मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और चिन्तक श्री राम बहादुर राय द्वारा वर्तमान परिदृश्य में न्यू मिडिया की भूमिका, प्रयोगों और चुनातियों पर प्रकाश डाला गया. श्री राय ने न्यू मिडिया के व्यापक पहुँच और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को एक

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संसद न चलने देने के लिए जबाबदेह कौन?

Posted: 02 Jan 2011 05:36 PM PST

आखिर मेँ संसद का 22 दिन का पूरा शीतकालीन सत्र एक दिन भी नहीं चल सका और पूरी तरह हंगामे की भेट चढ़ गया। देश के करीब डेढ़ अरब रू. भी व्यर्थ हो गए। संसद न चलने की वजह बनी पूरे विपक्ष की यह मांग कि 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला जो कि एक लाख 76 हजार करोड रू़ का माना

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सभ्य देश में फूहड़ता और अश्लीलता का बोलबाला

Posted: 02 Jan 2011 05:24 PM PST

भारत को दुनियाभर में संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है। इस देश की मान्यताएं, मूल्य, आदर्श, सभ्यता और संस्कृति का आधुनिक युग में भी दुनिया लोहा मानती है लेकिन यह क्या कि उसी संस्कृति को लेकर कुछ लोगों के कारण देश विदेश में थू-थू हो रही है। आज टीवी पर अश्लीलता का गुणगान हो रहा है। हर तरफ

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Sunday, January 2, 2011

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आजाद भारत के 63 वर्ष और राष्ट्र का स्वास्थ्य

Posted: 01 Jan 2011 04:58 PM PST

लाखों देशभक्तों ने अपना सबकुछ गंवाया, तब कहीं लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराया। देखते ही देखते आजादी के 63 वर्ष बीत गये लेकिन आज भी आम इंसान रोजमर्रा जिंदगी की आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाने में स्वयं को असमर्थ पा रहा है। चरित्र निर्माण की उपेक्षा का ही दुष्परिणाम है कि आज मंत्रियों पर अपराधियों की तरह आरोपों की

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