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- पत्रकार का पथ पथरीला है
- विकास तथा पर्यावरण आमने-सामने
- कौन है असली ? जिसका भी पूंछ उठाओ, मादा निकलता है!!
Posted: 08 Jan 2011 07:32 PM PST सात-आठ दशकों के लगातार कठिन प्रयासों के परिणामस्वरूप आज मीडिया का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है, साथ ही पत्राकारिता और जनसंचार शिक्षा का भी व्यापक विस्तार हो गया है। आज देश के अलग-अलग राज्यों में पत्राकारिता और जनसंचार शिक्षा से जुड़े विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में स्नातक स्तर के डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स चल रहे हैं। इसके साथ ही Continue Reading » |
Posted: 08 Jan 2011 04:28 PM PST देश के विकास में जो समस्याएं पैदा हो रही हैं, उनकी तरफ समुचित ध्यान देना आवश्यक है अन्यथा कुछ वर्षों बाद ये समस्याएं इतना विकराल रूप धारण कर लेंगी कि इनका निराकरण करीब-करीब नामुमकिन हो जायगा। पर्यावरण एक समस्या है और इसमें कई समस्यायें सम्मिलित हैं। कचरा समस्या हैं। गन्दगी समस्या है। कारखानों से निकलने वाला गंदा पानी और रसायन Continue Reading » |
कौन है असली ? जिसका भी पूंछ उठाओ, मादा निकलता है!! Posted: 08 Jan 2011 04:20 PM PST जी हां! तमाम तरह के नकली प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराने के पश्चात अब बारी है नकली भगवान की। कौन है असली ? जिसका भी पूंछ उठाओ, मादा निकलता है!! चैंक गये क्या? अरे भाई? इसमें चकराने की क्या बात है। असली हो या नकली, हैं तो आखिर भगवान ही। असली के चक्कर में न जाने कितने ऋषि मुनि, ज्ञानी ध्यानी चले गये। किसी Continue Reading » |
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