Thursday, December 30, 2010

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नए साल में गणपति बप्पा…(गीत)

Posted: 30 Dec 2010 08:55 AM PST

शाखाओं सा बढ़ें निरंतर हो जाये ऐसी वृद्धि[..]नया साल गुलज़ार हो[..]जाति-धर्म के कंटें न हूँ पास हमारे[..]मानवता की खुशबु से महक उठे संसार[..]संस्कार के उच्च शिखर पर जमा रहे विश्वास[..]अभिनन्दन नव वर्ष का मंगलमय हो हर शाम[..]

Posted: 29 Dec 2010 08:42 PM PST

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रंगभेदियों ने मंडेला को जेल भेजा था, सू की को तानाशाह ने और अब बिनायक सेन को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने

Posted: 29 Dec 2010 06:26 PM PST

रंगभेदियों ने मंडेला को जेल भेजा था, सू की को तानाशाहों ने और अब बिनायक सेन को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने

Monday, December 27, 2010

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हमारे प्रधानमंत्री ‘नर्वस’ नहीं होते हैं क्‍योंकि वो ‘नारी-वश’ हैं … !!

Posted: 26 Dec 2010 09:06 PM PST

मनमोहन एक निहायत ईमानदार व्यक्ति हैं. निष्ठावान प्राणी हैं. वफादार तो हैं ही. उनकी वफादारी और निष्ठा पर संदेह नही किया जा सकता है. उनकी वफादारी तो जैसे…..!! कुछ ऐसी ही तस्वीर बनाई हुई है हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री की कांग्रेसियों ने. सच भी है. जिस वफादारी और निष्ठा से वो अपना काम कर रहे हैं, उस पर संदेह किया भी

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Thursday, December 23, 2010

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सुशासन ही है सत्ता में दोबारा वापसी की गारंटी

Posted: 23 Dec 2010 08:37 AM PST

आज अफगानिस्तान में अमेरिका व मित्र राष्ट्रों की सेनाएं पाकिस्तान को साथ लेकर लड़ रही हैं। इससे पूर्व रूस ने अफगानिस्तान पर आधिपत्य जमाने के चक्कर में आज आपस में लड़ रही सेनाओं का मिलाजुला विरोध झेला था पर इतिहास गवाह है कि अफगानिस्तान पर आज तक दो ही शासक काबू पा सके हैं, पहला सिकंदर और दूसरे शेर-ए-पंजाब महाराजा

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Wednesday, December 22, 2010

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पूरा ब्लॉगजगत ध्यान देँ- क्या ब्लॉगजगत बिखर गया है ? (वर्तमान मे हिन्दी ब्लॉग)

Posted: 22 Dec 2010 08:21 AM PST

हिन्दी ब्लॉग लेखन का इतिहास ज्यादा पुराना नही। इसे शैशव काल मे मानना सही होगा। परन्तु पुत के पांव पालने मे दिखने लगते हैँ। ऐसे मे हिन्दी ब्लॉग लेखन क्या विसंज्ञतिओँ से बच पाया है? शायद इसका जवाब ‘ना’ होगा। हिन्दी ब्लॉग लेखको के पास जो बडी चुनौतियाँ रही हैँ, उनमे से कुछ को इस प्रकार रखा जा सकता है-

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Saturday, December 18, 2010

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लालू-पासवान का राजनीतिक भविष्य

Posted: 18 Dec 2010 05:19 AM PST

लालू.पासवान पहलवान बनकर बिहार की विधानसभा के चुनाव में उतरे और दोनों ने ताल ठोककर नीतीश को ललकारा मगर वे चारों खाने ऐसे चित्त हो गये कि अब अखाड़े से उठने की हिम्मत नहीं रही। दोनों नेताओं ने कहा था कि बिहार में लालू पासवान की आंधी बहने लगी है मगर नीतीश के तूफान में वे दोनों ऐसे पटकाय गये

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उमर अब्दुल्ला की दुमुंही राजनीति

Posted: 18 Dec 2010 04:55 AM PST

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्राी उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि कश्मीर समस्या के स्थायी हल के लिए भारत को अलगाववादियों के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ भी बात करनी चाहिए। विकास और रोजगार बढ़ाना संकट का हल नहीं है। यह लम्बे समय से अटका मामला है जिसे सुलझाये जाने की जरूरत है। हालात थोड़ा बेहतर होने के बाद इस मुद्दे को फिर

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सबसे बड़ा घोटाला

Posted: 18 Dec 2010 04:40 AM PST

आजादी के बाद देश में इस कदर भ्रष्टाचार फैला कि लगा कि मानो हमें अंग्रेजी राज से नहीं बल्कि घोटाले करने की आजादी मिल गई है। राजसत्ता में रही कांग्रेस पार्टी के अधिकतर नेताओं के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण कांग्रेस ने कभी भी घोटालों और भ्रष्टाचारों के विरूद्ध सख्त रूख नहीं लिया जिससे घोटालेबाजों को घोटाले करने का

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Sunday, December 12, 2010

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सूचना और प्रसारण मंत्रालय के हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मान से अविनाश वाचस्‍पति सम्‍मानित

Posted: 12 Dec 2010 08:59 AM PST

प्रख्‍यात हिन्‍दी व्‍यंग्‍यकार और साहित्‍यकार-ब्‍लॉगर अविनाश वाचस्‍पति को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मान से सम्‍मानित करने का निर्णय लिया है। अविनाश वाचस्‍पति को यह सम्‍मान राजभाषा पुरस्‍कार वितरण समारोह में माननीय सचिव प्रदान करेंगे। उन्‍हें यह सम्‍मान हिन्‍दी साहित्‍य के क्षेत्र में किए जा रहे योगदान के लिए दिया जा रहा है। पत्र सूचना कार्यालय के शास्‍त्री

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जो जनता का, जनता उसी की

Posted: 12 Dec 2010 02:10 AM PST

आज बिहार के राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा पुनः छाने लगी है कि क्या इतने भारी मतों से जीतना किसी लोकतंत्रा के लिए खतरनाक तो साबित नहीं हो सकता है? यह राजनीतिक बहस का विषय हो सकता है लेकिन बिहार की जनता और नीतीश कुमार के लिए इससे फर्क पड़ने वाला नहीं है। जनता ने सारी राजनीतिक पार्टियों को नकार

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विभीषण नाम का प्रचलन क्यों नहीं है

Posted: 12 Dec 2010 02:03 AM PST

नाम का उपयोग सामान्य रूप से पहचान के लिए है। उसका व्यवहारिक जीवन में कोई विशेष महत्त्व नहीं हैं किन्तु फिर भी नामकरण के समय यह ध्यान रखा जाता है कि नाम शुभ अर्थों वाला हो। नाम का सन्दर्भ ऐसा हो कि उसका उल्लेख शान से किया जा सके, इसलिए भारत में जो सामान्य नाम पाए जाते हैं उनमें धार्मिक

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Saturday, December 11, 2010

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शुद्ध हास्य-कविता – एक बार हुआ यूँ ….,

Posted: 10 Dec 2010 08:06 PM PST

एक बार हुआ यूँ, की ग़ालिब सोचे, कुछ यूँ, क्या हो अगर, हो यूँ, और न यूँ !!

Monday, December 6, 2010

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दिन तो बदलते है..

Posted: 06 Dec 2010 01:47 AM PST

दिन तो बदलते है जीते है मरते है अपनी इस दुनिया में पल पल फिसलते है क्षण-भंगुर ये काया भटकाती है माया मन के इस भटकन से बारम्बार छलते है चलायमान सांसो का गतिमान इस धड़कन का नश्वर इस काया से मोहभंग होना है सावन फिर आयेगा बदरा फिर छाएगा ऋतुओं को आना है आकर छा जायेगा मन के इस

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Thursday, December 2, 2010

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मुर्दों का शहर हो गया भोपाल एक दिन

Posted: 02 Dec 2010 07:16 AM PST

तेग मुंसिफ हो जहां दारो रसन हो शाहिद बेगुनाह कौन है इस शहर में कातिल के सिवा…..? एक तरफ आंसूओं से डबडबाई आंखे……पिछले २५ सालों के जख्मों को महसूस कर रही होगीं….तो दूसरी तरफ सत्तासीन कहीं दूर शादी के जश्न मे डूबे तमाम लोग……..ये दो चेहरे हैं एक हैं अपने हक के लिए लड रहे उन मासूम लोगों का जिन्होनें

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विश्‍व की प्रधानतम व प्राचीनतम खोज – वेदों में विज्ञान

Posted: 02 Dec 2010 01:45 AM PST

आज के युग में भारतीय मेधा के प्रथम प्रदर्शन ‘वेद’ विद्या के प्रसार प्रचार की बहुत ही आवश्‍यकता है । वेदों के विषयों में पाश्‍चात्‍य व प्रार्च्‍य कतिपय विद्वानों द्वारा इतने भ्रामक तथ्‍य फैला दिये गये हैं कि समाज में वेदों के सम्‍यक प्रचार की पुन: आवश्‍यकता प्रतीत होती है, ये वेद प्राचीनकाल से आज तक के आविष्‍कारों व खोजों

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सुना आपने .. दीवाली आ रही है ..

Posted: 02 Dec 2010 01:28 AM PST

पूरे विश्व में कार्तिक अमावस्या को दीवाली मनायी जाती है। कहते हैं कि भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी 14 साल के वनवास के बाद इसी दिन अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में प्रजा ने दीपमालिका सजाकर उनका स्वागत किया। न जाने कब से यह परम्परा चल रही है; पर भारत में कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां इसके एक

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आधुनिक सभ्यता में गांधी

Posted: 01 Dec 2010 06:26 PM PST

गांधी और बराक ओबामा: संबंध् की पड़ताल अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा गांधी के भारी प्रशंसक हैं। हाल की अपनी भारत की यात्रा के दौरान उन्होंने गांधी और विशेषकर उनके अहिंसा दर्शन की प्रशस्ति की। साथ ही गांधी के प्रति अपनी निष्ठा का इजहार किया। वे मुंबई और दिल्ली दोनों जगह  गांधी स्थलों पर गए। संसद में दिए गए अपने भाषण में

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