Friday, December 2, 2011

vicharmimansa.com

vicharmimansa.com


क्रान्तिधर्मी चेतना का शायर: फैज

Posted: 25 Oct 2011 06:33 AM PDT


हमारा इस बात में दृढ़ विश्वास है कि साहित्य बहुत गहराई से मानवीय नियति के साथ जुड़ा है। स्वतत्रंता और राष्ट्रीय सार्वभौमिकता के बिना साहित्य का विकास संभव नहीं है, उपनिवेशवाद और नस्लवाद का समूल नाश साहित्य की सृजनात्मकता के संपूर्ण विकास के लिए बेहद जरूरी है। उपर्युक्त विचार क्रान्तिधर्मी चेतना के शायर फै़ज अहमद 'फ़ैज' के हैं। यह विचार

Continue Reading »

No comments:

Post a Comment